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क्या भारत में जंक फूड के विज्ञापनों पर लगेगा प्रतिबंध?

Ban on junk food in india?

आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण मनुष्य के लिए अपने और अपने परिवार के शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे समय में जब अस्वास्थ्यकर आहार एक वैश्विक स्वास्थ्य चिंता बन रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बच्चों को जंक फूड के विपणन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। मसालेदार भोजन, आटा, जंक फूड का अधिक सेवन करने से पेट संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। इससे मोटापा बढ़ता है। पहले यह बीमारी 70 साल की उम्र में आती थी। अब यह 30 की उम्र में देखने को मिलता है। अगर आप संतुलित आहार लेंगे तो पेट से जुड़ी बीमारियां 90 फीसदी तक कम हो जाएंगी। डब्ल्यूएचओ यही कह रहा है। भारत को जंक फूड के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के डब्ल्यूएचओ के आह्वान पर ध्यान क्यों देना चाहिए? यदि आपके मन में यह सवाल है, तो जंक फूड में शरीर को पौष्टिक खाद्य पदार्थ कम और हानिकारक पदार्थ ज्यादा होते है। जंक फूड में वसा, नमक, चीनी और कई तरह के रसायन होते हैं। इसके अलावा, रंगों का उपयोग आमतौर पर भोजन को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। ये सभी चीजें मानव शरीर के लिए अच्छी नहीं हैं। ये सभी चीजें सीधे पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। जंक या फास्ट फूड से वजन बढ़ सकता है। लगातार जंक फूड खाने से मोटापा बढ़ता है। एक बार मोटापा होने के बाद शरीर में तमाम बीमारियां होने लगती हैं। इनमें मधुमेह, रक्तचाप, सांस लेने में तकलीफ, जोड़ों का दर्द, हृदय रोग आदि शामिल हैं। मोटापे से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन जंक-फूड विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर रहा है।

हमारी बिगड़ती सेहत का एक और बड़ा कारण खान-पान की बदलती आदतों के साथ-साथ शरीर का श्रम कम होना भी है। इसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के लिए चेतावनी लेबल लागू कर रहा है। ग्राहक पैक के पीछे पोषण की जानकारी देख सकते हैं। इसलिए जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हें शराब लेने से बचना चाहिए। आप शराब के बजाय पानी, सोडा वॉटर या नींबू पानी पी सकते हैं। तली-भुनी चीजें न खाएं।डाइट में तली-भुनी चीजों का इस्तेमाल कम करें। अतिरिक्त वसा और कार्बोहाइड्रेट आपकी कैलोरी बढ़ाने का काम करते हैं। अपने आहार में सलाद खाएं। अगर आपको कभी भूख लगे तो कुछ फल अपने साथ जरूर रखें। ताकि जब हमें भूख लगे तो हम उन फलों को खा सकें। इससे आपके लिए बाहर का खाना खाने का समय नहीं होगा। जंक फूड की लालसा को रोकने में कितना समय लगता है? इसलिए सिर्फ छह सप्ताह पर्याप्त हैं। यदि आप पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ अपने परिवार के सामान्य आहार को संतुलित कर रहे हैं, तो कभी-कभी फास्ट फूड खाने से आपको परेशानी नहीं होगी। जो भी स्वस्थ आहार खाता है वह कभी बीमार नहीं होगा।आहार सबसे अच्छी दवा है।

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