इंटरमिटेंट फास्टिंग
इंटरमिटेंट फास्टिंग आजकल काफी लोकप्रिय हो रहा है। लोग इसके जरिए अपना वजन कम कर रहें है।हम उपवास के बारे में जानते हैं, उपवास के दौरान केवल निश्चित समय पर खाने के बारे में जानते हैं, लेकिन ‘आंतरायिक उपवास’ /इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है कि कुछ घंटों में कुछ भी नहीं खाना। इंटरमिटेंट फास्टिंग एक तरह का व्रत हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग में कोई खास डायट नहीं होती बल्कि एक खास तरह का ईटिंग पैटर्न होता है। ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ में, आप दिन के कुछ निश्चित घंटों में ही खा सकते हैं। ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ में आपको दिन में एक निश्चित समय खाना होता है और फिर उसके बाद कई घंटों तक आप कुछ नहीं खाते। यह आपके शरीर में वसा को कम करने में मदद करता है। आप सिर्फ 6-8 घंटे के दौरान ही कुछ खाते हैं। इसका मतलब यह है कि आप प्रतिदिन 16 से 18 घंटे तक कुछ भी नहीं खाते हैं।पहला प्रकार ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ जिसमें आप दिन में 16 घंटे खाने से दूर रहते हैं और बाकी बचे 8 घंटे के अंदर खा लेते हैं। कई लोग इस पैटर्न का पालन करते हैं। क्योंकि यह लंबे समय तक किया जा सकता है।
आंतरायिक उपवास’ का दूसरा प्रकार 5/2 है। इसमें आपको हफ्ते में पांच दिन नॉर्मल डाइट लेनी होती है। इस दूसरे प्लान में आप ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर खाते हैं, लेकिन सप्ताह में केवल 5 दिन. फिर सप्ताह में 2 दिन आप कुछ नहीं खातें। इस तरह आप एक दिन में 500 कैलोरी कम कर लेते हैं। हालाँकि आप अपने उपवास के दौरान गैर-कैलोरी पेय जैसे पानी, चीनी मुक्त नींबू का रस, ग्रीन टी आदि भी पी सकते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग मे भोजन सही और स्वस्थ होना चाहिए। इंटरमिटेंट फास्टिंग में, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि आप उसी समय खाएं जब आपके पास भोजन का समय तय है।वैसे तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करना थोड़ा कठीन होता है। लेकिन आप डाइट प्लान बनकार इसे आसान कर सकते हैं। दिन में पानी की कमी शरीर में ना हो उसके लिए नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य बाजार में मिलने वाले पेय पदार्थों का सेवन न करें।”यदि आप बर्गर या पिज्जा खाते हैं, ऐसी चीजें जिनमें चीनी अधिक होती है, तो आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इसलिए, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आप आठ घंटे में जो आहार खाते हैं वह उचित और संतुलित हो।वैदिक शास्त्रों में भी कहा है सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके बाद खाना पचा नहीं जाता। है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग मे डाएट पे ध्यान देना बहोत इम्पॉर्टन्ट है | अगर आप 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं तो 16 घंटे में आप ग्रीन टी, वेजिटेबल जूस आदि खा सकते हैं और बाकी के आठ घंटों में आप खाने की चीजें खा सकते हैं। ब्राउन राइस, पोहा, इडली, ओट्स, दलिया, मूसली जैसे खाद्य पदार्थ आठ घंटे में खाए जा सकते हैं। चीनी से बचना चाहिए और इसकी जगह गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ पदार्थ जैसे: सब्जियां: खीरा, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर ब्रोकली, फूलगोभी, आदि। फल: जामुन, संतरा, आड़ू, सेब, केला,नाशपाती, आदि। वसा या फैट: एवोकाडो और नारियल तेल आदि। प्रोटीन के लिए मछली, फलियां, : मांस, चिकन, अंडे, नट्स, बीज, आदि। इस तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग मे भोजन सही और स्वस्थ होना चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे:
जॉन्स हॉपकिंस के न्यूरोसाइंटिस्ट मार्क मैटसन ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक पेपर में कहा कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से भी शरीर को फायदा हुआ है। कई पुरानी बीमारियां जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, पित्त की पथरी आदि को आंतरायिक उपवास के कारण नियंत्रित देखा गया है।इंटरमिटेंट डायट में उपवास से अन्य मोटापे से संबंधित जोखिमों को भी कम किया जा सकता है।इससे मेटाबॉलिज्म स्ट्रॉन्ग होता है।इसे करने से कैंसर तक का खतरा कम होता है। और डायजेशन इंप्रूव करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के साइड इफेक्ट्स:
हर रोज केवल आठ घंटे के लिए खाने का सेवन करने के रिस्ट्रिक्शन के चलते लोग ज्यादा खा जाते हैं। कहने का मतलब यह है कि लोगों के मन में एक भ्रम रहता है कि हम आठ घंटे में जितना चाहें उतना खा सकते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। जितनी भूख हो हमें उतना ही आठ घंटों में खाना चाहिए। कई लोग जो ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ करते हैं, वे सुबह का नाश्ता नहीं कर पाते हैं और दोपहर का भोजन नहीं करते हैं। हालांकि, इस बीच वे चाय और बिस्कुट आदि खा लेते हैं। फिर शाम को जब आपको बहुत भूख लगती है तो कैंटीन से कुछ मंगवाया जाता है और रात का खाना भर जाता है। अगले दिन भी यही चक्र चलता है। यह केवल शरीर को नुकसान पहुंचाता है।”जब आपके शरीर का चयापचय बहुत गतिशील होता है, तो आप अपने शरीर को भूखा रख रहे होते हैं, और जब यह धीमा हो जाता है, तो आप पूरा खा रहे होते हैं। यह आपके शरीर में मोटापा, पोषक तत्वों की कमी और बेहोशी का कारण बनते है अगर हम आठ घंटे खाने के दौरान अनहेल्दी भोजन करते हैं तो उससे हमें पाचन समस्या हो सकती है।
जब आप 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट शुरू करते हैं तो शुरुआत में आपको भूख लगना, कमजोरी और थकान महसूस होने जैसी समस्या हो सकती है।
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